खालिस्तानियों ने की थी रवनीत बिट्टू के दादा की हत्या

लुधियाना ( Rajan ) :- रवनीत सिंह बिट्टू का जन्म 10 सितंबर 1975 को लुधियाना के कोटला अफगान गांव में हुआ। 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद बिट्टू ने पंजाब यूथ कांग्रेस का प्रधान बनकर अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया।बिट्टू पंजाब के पूर्व CM स्वर्गीय बेअंत सिंह के पोते हैं। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का क्रेडिट बेअंत सिंह को ही जाता है।1980-90 के दशक में पंजाब में आतंकवाद अपने चरम पर था। खालिस्तान समर्थक आतंकी दिनदहाड़े हत्याएं कर रहे थे। 1992 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद 25 फरवरी 1992 को बेअंत सिंह पंजाब के CM बने।उन्होंने पंजाब पुलिस के तत्कालीन चीफ और सुपर कॉप कहे जाने वाले केपीएस गिल को आतंकियों से निपटने के लिए फ्री हैंड दिया। बेअंत सिंह और केपीएस गिल की जोड़ी ने राज्य से आतंकवाद का सफाया कर दिया। बेअंत सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से ही खालिस्तानियों के निशाने पर थे।31 अगस्त 1995 को जब बेअंत सिंह चंडीगढ़ स्थित पंजाब सचिवालय से बाहर निकल रहे थे तो वहां खड़े एक स्कूटर में बम ब्लास्ट हुआ। इस धमाके में बेअंत सिंह समेत कई लोग मारे गए।

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